Monday, November 5, 2012

मेरी मंजिल तू है ...

मेरी दुनिया के हर रंग में शामिल है तू ..
तुझसे ही रोशन है मेरे ख्वाब .. मेरी उम्मीदे ..
मैं किसी भी राह से गुज़रू .. मेरी मंजिल तू है ...
हर मोड़ पे नयी दस्तक ... हर रास्ते में नया मकसद ...
हर कदम पे बनाके एक नया कारवां .... मैं किसी भी राह से गुज़रू .. मेरी मंजिल तू है ...
मीलो का सफ़र है ... अनजान कुछ हमसफ़र ....
इस सफ़र को करने मक्क्मल ... मैं किसी भी राह से गुज़रू .. मेरी मंजिल तू है ...

Saturday, February 4, 2012

कौन हूँ मैं..

कोई पूछे तुमसे कौन हूँ मैं , तुम कह देना कोई ख़ास नहीं ....
एक दोस्त है कच्चा पक्का सा , कभी झूठा सा कभी सच्चा सा .
जज़्बात को ढके एक पर्दा बस , एक बहाना है अच्छा अच्छा सा .
जिंदगी का एक ऐसा साथी है , जो दूर हो के पास नहीं ....
कोई पूछे तुमसे कौन हूँ मैं , तुम कह देना कोई ख़ास नहीं ....
हवा का एक सुहाना झोंका है , कभी नाज़ुक तो कभी तुफानो सा .
शक्ल देख कर जो नज़रें झुका ले , कभी अपना तो कभी बेगानों सा .
जिंदगी का एक ऐसा हमसफ़र , जो समंदर है , पर दिल को प्यास नहीं .
कोई पूछे तुमसे कौन हूँ मैं , तुम कह देना कोई ख़ास नहीं ....
एक साथी जो अनकही कुछ बातें कह जाता है ,
यादों में जिसका एक धुंधला चेहरा रह जाता है .
यूँ तो उसके न होने का कुछ गम नहीं ,
पर कभी - कभी आँखों से आंसू बन के बह जाता है ...
यूँ रहता तो मेरे तसव्वुर में है , पर इन आँखों को उसकी तलाश नहीं ....
कोई पूछे तुमसे कौन हूँ मैं , तुम कह देना कोई ख़ास नहीं ....