Monday, November 5, 2012

मेरी मंजिल तू है ...

मेरी दुनिया के हर रंग में शामिल है तू ..
तुझसे ही रोशन है मेरे ख्वाब .. मेरी उम्मीदे ..
मैं किसी भी राह से गुज़रू .. मेरी मंजिल तू है ...
हर मोड़ पे नयी दस्तक ... हर रास्ते में नया मकसद ...
हर कदम पे बनाके एक नया कारवां .... मैं किसी भी राह से गुज़रू .. मेरी मंजिल तू है ...
मीलो का सफ़र है ... अनजान कुछ हमसफ़र ....
इस सफ़र को करने मक्क्मल ... मैं किसी भी राह से गुज़रू .. मेरी मंजिल तू है ...