Saturday, May 28, 2011

एक क्षण पुरे

एक क्षण पुरे तुझे रूप मनात साठवायला,
मनातल्या मनात आठवून गालातल्या गालात हसायला.......

एक क्षण पुरे तुझा आवाज ऐकायला ,
कानातल्या कानात त्याची धून वाजायला......

एक क्षण पुरे तुझ्या डोळ्यांमध्ये पाहायला,
त्यांच्यातला प्रेम माझ्या डोळ्यांत साठवायला.....

एक क्षण पुरे तुझ्यावर भरभरून प्रेम कराय्ला,
तुझ्या प्रेमासाठी क्षण क्षण तरसायला......

क्यूँ है .... :)

ये मौसम इतना रूहानी, ये आँखे इतनी शराबी क्यूँ है ..
तुम्हे देखके मेरे दिल में उठी ये खराबी क्यूँ है ...
झाँक के देखो कभी मेरी आँखों में तुम भी गौर से ...
जान जाओगे तुम्हारा ख्याल इतना गुलाबी क्यूँ है ...

बारिश और तुम

बावरे बादल .. छींटे उड़ायें ...
तन महकाए ... मन बहलायें ...
बूंदों से भी मीठी भीनी बस तुम्हारी ही खुशबूं आए ..
ये ठंडी हवाएं जब बदन से छु जाए...
मासूम सा मुझको तुम्हारा ही एहसास दिलाएं ..
तुम्हारे यादों की बारिश मेरे दिल को तडपाएं ..
क्या अब तुम आओगे बादलो पे चढ़के ..
या फिर हम खुद हवाओं पे चलके आएं ????

हँसते है ....

हँसते है मतलब खुश है ऐसा नहीं ...
हँसते है मतलब गम नहीं ऐसा नहीं ...
हँसते है क्यूंकि कह दी दिल की बात..
पर सारी बाते कही दी ऐसा नहीं ...

हँसते है तो बस खुद के मज़ाक पर ...
दुनियां ने तकलीफे दी है ऐसा नहीं ..
हँसते है क्यूंकि कुछ और कर ही नहीं सकते ..
आँखों में पानी नहीं है ऐसा नहीं ...

हँसते है क्यूंकि कभी तुमने ही कहा था ...
इसके बिना तेरा चेहरा कुछ जंचता ही नहीं ..
हँसते है क्यूंकि तुम्हे भुलाना जितना मुश्किल है ..
बिन बात के मुस्कुराना उतना मुश्किल नहीं ...

हँसते है क्यूंकि सबको ये अच्छा लगता है ...
हँसते है क्यूंकि तुम्ही भी ये सच्चा लगता है...
हँसते है क्यूंकि तुम्हारे हम नहीं ...
पर हम तुम्हारे नहीं ऐसा भी नहीं ...