Friday, July 2, 2010

:)

तनहा रहना सीख रहे है...
मर मर के जीना सीख रहे है...
सपनो को पाना सीख लिया है,
पाके खोना सीख रहे है...
सबर को अपनी राह बनाकर,
कांच पे चलना सीख रहे है...
फिरते फिरते सहरा सहरा,
प्यास को पीना सीख रहे है...
जीने के भी है हज़ार तरीक़े,
बस जिंदा रहना सीख रहे है...
तुम्ही ने दिया था धडकनों से रिश्ता,
वो रिश्ता निभाना सीख रहे है...
हर रात तुम्हे याद करते करते ,
तुम्ही को भुलाना सीख रहे है....

3 comments:

  1. Awesome.. This one really touched my heart... Lage raho Rakhee jee.

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  2. I like your blog.

    Whatever happens life goes on!!

    No gift is bigger than the gift of life itself!!

    Keep in Touch!
    Ajay

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